कुछ तो है तुझसे राब्ता आज का एपिसोड / .हूं, मैं आज भी तुझसे कुछ नहीं कहता, बस एक तेरी मोहब्बत का चुपचाप इंतजार करता हूं और हाँ, मैं हमेशा तेरी मोहब्बत का पर, चाहे गुमनाम स्याह आधी रात हो या चीखती चिलचिलाती घनी दोपहरी, जब दिल चाहे तब बेझिझक चली आना अगर मोहब्बत है तो मेरी राख गंगा में बहा देना और मैं सुकून से आजाद हो सकूंगा, इस ख्याल के साथ, कि चलो कम्बखत को.